The Ashta Vinayak Yatra includes the following forms of Vinayaka:–
(अष्ट विनायक यात्रा में विनायक के निम्न स्वरूप सम्मिलित हैं:-)
- Ark Vinayak (अर्क विनायक )
- Durg Vinayak (दुर्ग विनायक )
- Chand/ Bheemchandi Vinayak (चण्ड/ भिमचंदी विनायक)
- Dehli Vinayak (देहली विनायक )
- Uddand Vinayak (उद्दण्ड विनायक )
- Pash Pani Vinayak (पाशपाणि विनायक)
- Kharv Vinayak (खर्व विनायक)
- Siddhi Vinayak (सिद्ध विनायक)
Ark Vinayak (अर्क विनायक )
अर्क विनायक काशी में स्थित अष्ट विनायकों में से एक है। यह सुख और समृद्धि के देवता हैं। इन्हें विघ्न हरता के रूप में पूजा जाता है तथा यह अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए जाने जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त काशी में पूजा के लिए आते हैं उन्हे अर्क विनायक का दर्शन जरूर करना चाहिए।गुरु पुर्णिमा के दिन अर्क विनायक की आराधना का विशेष महत्व है। इस दिन मंदिर की भव्य सजावट की जाती है। हालांकि यह मंदिर छोटा है परंतु इसमें स्थापित प्रतिमा विशाल होती है जो अनंत ऊर्जा प्रदान करती है। यह मंदिर दर्शन-पूजा के लिए दिन भर खुला रहता है। ऐसी मान्यता है कि यहाँ गणेश भगवान की आराधना करने से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह मंदिर 2 /17 तुलसी घाट पर स्थित है।
Arka Vinayaka is one of the Ashta Vinayaks located in Kashi. He is the god of happiness and prosperity. They are worshiped as Vighn Harata and are known to protect their devotees. It is believed that the devotees who come to worship in Kashi, they should definitely have a glimpse of Arka Vinayaka. The worship of Arka Vinayaka on Guru Purnima has special significance. On this day grand decorations of the temple are done. Though this temple is small but the statue installed in it is huge which provides infinite energy. The temple remains open throughout the day for darshan-puja. It is believed that worshiping Lord Ganesha here fulfills all the wishes of the devotees. This temple is located on 2/17 Tulsi Ghat.
Durg Vinayak (दुर्ग विनायक )
दुर्ग विनायक मंदिर काशी में स्थित विनायक मंदिरों में से एक है। भगवान गणेश का यह रूप दुर्गा कुंड के दक्षिणी भाग यानि दुर्गा मंदिर के पीछे स्थित है। मान्यताओं के अनुसार, श्रद्धालु दुर्ग विनायक के दर्शन-पूजन से किसी भी संकट से मुक्ति पा सकते हैं,साथ ही श्रद्धालु की मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि भी होती है। ऐसी मान्यता है कि किसी भी नौकरी / व्यापार या परियोजना के दौरान या उससे पहले दुर्ग विनायक की पूजा करने से वे उस कार्य में सफलता प्राप्त होती हैं।प्रतेक वर्ष गणेश चतुर्थी का पर्व यहाँ उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दौरान दुर्ग विनायक का भव्य शृंगार किया जाता है। यहाँ भक्तो की भारी भीड़ होती है इसके साथ-साथ प्रत्येक माह की चतुर्थी पर भी यहाँ भक्तों की कतार लगी रहती है। दुर्ग विनायक 27/1, दुर्गा कुंड के पीछे स्थित है ।
Durg Vinayak Temple is one of the Vinayak temples located in Kashi. This form of Lord Ganesha is located behind the southern part of Durga Kund i.e.Durga Temple. According to beliefs, devotees can get rid of any crisis by praying to Durga Vinayak, as well as increasing the prestige of the devotee. It is believed that worshiping Durg Vinayak during or before any job / business or project leads to success in that work.Every year the festival of Ganesh Chaturthi is celebrated with gaiety here. During this, a grand decoration of Durg Vinayak is done. There is a huge crowd of devotees here, as well as on the Chaturthi of every month, there are queues of devotees here. Durg Vinayak 27/1, is loated behind Durga Kund.
Chand/ Bheemchandi Vinayak (चण्ड/ भिमचंदी विनायक)
चण्ड विनायक को भीमचण्डी विनायक भी कहा जाता है। यह विनायक काशी में स्थित अष्ट विनायकों में से एक है। इनका मंदिर पंचकोशी मार्ग के भीमचण्डी माता के मंदिर में स्थित है, जो पंचकोशी परिक्रमा का दूसरा पड़ाव है ऐसी मान्यता है की इनके दर्शन मात्र से ही बड़े से बड़े भय भी नष्ट हो जाते हैं। यहाँ जाने के लिए राजातालाब से आशावरी के मार्ग से जाना होता है।
Chand Vinayak is also known as Bhimchandi Vinayak. This Vinayaka is one of the Ashta Vinayaks located in Kashi. His temple is located in the temple of Bhimchandi Mata of Panchkoshi Marg, which is the second stop of Panchkoshi Parikrama, it is believed that even with the sight of him, even the biggest fears are destroyed. To get here one has to go via Rajatlab to Ashawari.
Dehli Vinayak (देहली विनायक )
भगवान गणेश का देहली विनायक का रूप अष्ट विनायक में से एक है देहली विनायक का मंदिर भटौली गाँव में है जो भिमचंदी और रामेश्वरम मंदिर के मघ्य है मान्यताओं के अनुसार, देहली विनायक अपने भक्तों के जीवन से सभी संकटों को दूर करते हैं। इनकी पूजा करने से, भक्त अपने सभी ऋणों से छुटकारा पा सकते हैं।
Lord Ganesha’s form of Dehli Vinayak is one of the Ashta Vinayaks. The temple of Dehli Vinayak is in the village of Bhatauli which is the abode of Bhimchandi and Rameswaram temple. As per beliefs, Dehli Vinayak removes all the troubles from the life of his devotees. By worshiping them, devotees can get rid of all their debts.
Uddand Vinayak (उद्दण्ड विनायक)
उदंड विनायक रामेश्वरम मंदिर से 1 किलोमीटर पहले भुइली गाँव में स्थित है जो भिमचंदी और रामेश्वर पंचकोशी मार्ग पर स्थित है, यह मंदिर दिन भर खुला रहता है। ऐसी मान्यता है कि उद्दण्ड विनायक के दर्शन पूजन से जीवन के बड़े विघ्न से दूर हो जाते है।
Udand Vinayak is located 1 km before Rameswaram Temple in Bhuili village which is located on Bhimchandi and Rameshwar Panchkoshi Marg, this temple remains open throughout the day. It is believed that the worship of Vinayaka is overcome by the great disturbance of life.
Pash Pani Vinayak (पाशपाणि विनायक)
पाशपाणि विनायक काशी विनायकों में से एक है जो सदर बाज़ार में स्थित है। यहाँ विनायक की प्रतिमा में भगवान गणेश के हाथों में पाश है। मान्यता के आधार पर यहाँ पूजन करने से व्यक्ति को सभी विघ्नों से मुक्ति मिलती है तथा उनके जीवन में खुशहाली बनी रहती है।
Pashpani Vinayak is one of the Kashi Vinayaks located in Sadar Bazar. Here the statue of Vinayaka has a loop in the hands of Lord Ganesha. By worshiping here on the basis of belief, a person gets freedom from all obstacles and there is prosperity in his life.
Kharv Vinayak (खर्व विनायक)
खर्व विनायक काशी विनायकों में से एक है। खर्व विनायक आदि केशव मंदिर के पास बसंता कॉलेज के बगल में राजघाट किले में स्थित है। खर्व का अर्थ वामन होता है। यहाँ प्रतिमा उत्तर-पूर्वी कोने में स्थित है तथा ऐसा माना जाता है कि जो मनुष्य इनकी पूजा करता है उसे कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। यह उन मनुष्यों को लाभ प्रदान करते हैं जो निष्ठा से इनकी आराधना करते हैं।
Kharva Vinayaka is one of the Kashi Vinayakas. Kharva Vinayak is located in Rajghat Fort, next to Basanta College near Adi Keshava Temple. Kharva means Vamana. The idol is located in the north-eastern corner here and it is believed that the person who worships them gets relief from sufferings. It provides benefits to humans who worship them with devotion.
Siddhi Vinayak (सिद्ध विनायक)
सिद्ध विनायक Ck. 9/1, मणिकर्णिका कुंड में सीढ़ीयों पर स्थित है। मान्यता के अनुसार सिद्ध विनायक अपने भक्तों को सिद्धि प्रदान करते हैं। सिद्धी विनायक मंदिर में विनायक की पूजा करने पर भक्तों को सिद्धी की प्राप्ति होती है। यह काशी के अष्ट विनायकों में से एक माने जाते हैं
Siddha Vinayak Ck. 9/1, Manikarnika is situated on the staircase at Kund. According to the belief, Siddha Vinayaka bestows siddhis to his devotees. On worshiping Vinayaka in the Siddhi Vinayak temple, devotees attain Siddhi. It is considered one of the eight Vinayaks of Kashi.
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